SBI Banking Rules – भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अप्रैल 2025 से कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। ये बदलाव आम ग्राहकों से लेकर व्यापारियों तक, सभी को प्रभावित करेंगे। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में विस्तार से और समझते हैं कि आपको इनके लिए कैसे तैयार रहना चाहिए।
IMPS ट्रांजेक्शन लिमिट में वृद्धि
अप्रैल 2025 से SBI अपने ग्राहकों को तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) के माध्यम से अधिक धनराशि भेजने की सुविधा देगा। अब तक IMPS के जरिए अधिकतम ₹2 लाख तक ही भेजे जा सकते थे, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी गई है। यह बदलाव विशेष रूप से व्यापारियों और उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो अक्सर बड़ी राशि ट्रांसफर करते हैं।
IMPS के नए शुल्क
- ऑनलाइन IMPS ट्रांजेक्शन: पूरी तरह निःशुल्क
- बैंक शाखा से IMPS ट्रांजेक्शन: ₹20 + GST का शुल्क लगेगा।
डिजिटल बैंकिंग को अपनाने वाले ग्राहकों को यह सेवा पूरी तरह मुफ्त मिलेगी, लेकिन शाखा से लेन-देन करने पर शुल्क देना होगा।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) योजनाओं में बदलाव
SBI ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। बैंक ने दो नई विशेष FD योजनाएं पेश की हैं, जो निवेशकों को अधिक ब्याज दर प्रदान करती हैं।
लाखपति आरडी योजना
- निवेश अवधि: 3 या 4 साल
- ब्याज दर: अधिकतम 6.75% तक
- विशेषताएं: नियमित आय के साथ धन का संचय करने का एक सुरक्षित विकल्प।
यह योजना मध्यम अवधि के निवेशकों के लिए फायदेमंद है जो अपने पैसे को सुरक्षित रखते हुए अच्छा रिटर्न चाहते हैं।
पैट्रन्स एफडी योजना
- पात्रता: सुपर सीनियर सिटीजन (80 वर्ष से अधिक)
- ब्याज दर: अधिकतम 7.6% तक
- विशेषताएं: अतिरिक्त आय के साथ वित्तीय सुरक्षा।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह योजना एक आदर्श निवेश विकल्प हो सकती है, क्योंकि यह अधिक ब्याज दर के साथ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
न्यूनतम बैलेंस की नई आवश्यकताएं
SBI ने खाताधारकों के लिए न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकताओं में भी बदलाव किए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में
- नई न्यूनतम बैलेंस सीमा: ₹1,000
- पुरानी सीमा: ₹500
शहरी क्षेत्रों में
- नई न्यूनतम बैलेंस सीमा: ₹5,000
- पुरानी सीमा: ₹3,000
न्यूनतम बैलेंस न रखने पर जुर्माना लगाया जाएगा:
- ग्रामीण क्षेत्र: ₹50 से ₹250 तक
- शहरी क्षेत्र: ₹100 से ₹500 तक
इसलिए, अपने खाते में हमेशा पर्याप्त राशि रखना सुनिश्चित करें ताकि आप अनावश्यक शुल्क से बच सकें।
एटीएम से पैसे निकालने के नए नियम
SBI ने एटीएम से पैसे निकालने के नियमों में भी बदलाव किए हैं।
- मुफ्त निकासी की संख्या: प्रति माह केवल 3 बार
- अतिरिक्त निकासी शुल्क: तीसरी निकासी के बाद प्रत्येक लेनदेन पर ₹20 + GST
एटीएम शुल्क से बचने के टिप्स
- एक बार में अधिक राशि निकालें, ताकि बार-बार एटीएम जाने की जरूरत न पड़े।
- डिजिटल भुगतान विकल्पों का अधिक उपयोग करें (UPI, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग)।
- महीने की शुरुआत में अपनी नकदी आवश्यकताओं की योजना बनाएं।
केवाईसी (KYC) अपडेट के नए दिशानिर्देश
SBI ने ग्राहकों के लिए नियमित KYC अपडेट को अनिवार्य कर दिया है।
- अपडेट की आवश्यकता: हर 2-3 साल में एक बार।
- आवश्यक दस्तावेज: आधार कार्ड, पैन कार्ड, और नवीनतम पता प्रमाण।
- परिणाम: KYC अपडेट न करने पर खाता बंद या फ्रीज हो सकता है।
केवाईसी अपडेट करने के तरीके
- ऑनलाइन अपडेट: YONO ऐप या नेट बैंकिंग के माध्यम से।
- ऑफलाइन अपडेट: नजदीकी SBI शाखा में जाकर।
- वीडियो केवाईसी: घर बैठे वीडियो कॉल के माध्यम से (कुछ मामलों में)।
SBI ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
इन सभी बदलावों के मद्देनजर, यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो SBI ग्राहकों के लिए उपयोगी हो सकते हैं:
- YONO ऐप का उपयोग करें: अधिकतर बैंकिंग कार्य ऐप के माध्यम से कर सकते हैं।
- बचत की आदत डालें: न्यूनतम बैलेंस की बढ़ी हुई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए।
- डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता दें: एटीएम शुल्क से बचने के लिए UPI और ऑनलाइन बैंकिंग का अधिक उपयोग करें।
- नियमित रूप से अपना खाता चेक करें: किसी भी अनधिकृत लेनदेन को तुरंत रिपोर्ट करने के लिए।
- KYC दस्तावेजों को अपडेट रखें: खाते पर प्रतिबंध से बचने के लिए।
- FD निवेश की बेहतर योजना बनाएं: नई FD योजनाओं का लाभ उठाने के लिए।
SBI के नए नियम अप्रैल 2025 से प्रभावी हों गे, और इनका उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सुरक्षित, कुशल और डिजिटल बनाना है। ये बदलाव एक ओर जहां कुछ असुविधा पैदा कर सकते हैं, वहीं दूसरी ओर ये बैंकिंग सिस्टम को अधिक मजबूत और आधुनिक बनाने में मदद करेंगे।
अगर आप इन बदलावों के लिए पहले से तैयार रहेंगे, तो आप न केवल अतिरिक्त शुल्क से बचेंगे, बल्कि बैंकिंग सेवाओं का अधिक कुशलता से उपयोग भी कर पाएंगे। IMPS ट्रांजेक्शन की बढ़ी हुई सीमा, नई आकर्षक FD योजनाएं, और डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने वाले कदम – ये सभी बदलाव भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के डिजिटल परिवर्तन की ओर एक कदम हैं।
अंत में, SBI के ग्राहक होने के नाते, आपको इन बदलावों के बारे में जागरूक रहना चाहिए और अपनी बैंकिंग आदतों को तदनुसार समायोजित करना चाहिए। डिजिटल बैंकिंग को अपनाएं, अपना KYC अपडेट रखें, और स्मार्ट तरीके से बैंकिंग करें ताकि आप इन नए नियमों का अधिकतम लाभ उठा सकें और किसी भी असुविधा से बच सकें।