RBI Rules – भारतीय बैंकिंग क्षेत्र ने हाल के वर्षों में काफी तरक्की की है और अब ज्यादातर लोगों के पास बैंक खाता होता है। बैंकों ने लोन देने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया है, जिससे आम लोग आसानी से कर्ज प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन इसके साथ ही कुछ बैंक नियमों का उल्लंघन कर ग्राहकों को अनावश्यक शुल्क और ब्याज के रूप में आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और ऐसे बैंकों के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
लोन लेने वालों के लिए सावधानी जरूरी
अगर आपने भी बैंक से लोन लिया है या लेने की योजना बना रहे हैं तो आपको ब्याज दरों और अन्य शुल्कों की अच्छी तरह से जांच कर लेनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ बैंक लोन प्रक्रिया में अनियमितताएं बरतते हैं और ग्राहकों को उनकी जानकारी के बिना अतिरिक्त शुल्क के रूप में चूना लगाते हैं। मार्च 2025 में आरबीआई की जांच में यह बात सामने आई कि कई बैंक गलत तरीकों से लोन ब्याज वसूल रहे थे। इसके बाद आरबीआई ने सभी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को अपनी लोन नीतियों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। इस समीक्षा में लोन वितरण प्रक्रिया, ब्याज दरें और अतिरिक्त शुल्क जैसी चीजों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
आरबीआई का पारदर्शिता लाने पर जोर
आरबीआई का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोन लेने वाले ग्राहकों को पूरी पारदर्शिता के साथ जानकारी मिले। इससे बैंक मनमानी नहीं कर सकेंगे और ग्राहक किसी भी धोखाधड़ी से बच सकेंगे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कुछ बैंक ग्राहकों से अनियमित रूप से ब्याज वसूल रहे थे। उदाहरण के लिए, अगर किसी ग्राहक का लोन स्वीकृत हो गया लेकिन उसे राशि मिलने में देरी हुई तो बैंक इस अवधि का भी ब्याज वसूल रहे थे। इसके अलावा, यदि ग्राहक ने महीने के बीच में लोन लिया है तो उससे पूरे महीने का ब्याज वसूला जा रहा था। यहां तक कि कुछ मामलों में बैंक पहले से चुकाए गए लोन के हिस्से पर भी ब्याज वसूल रहे थे।
आरबीआई के सख्त निर्देश
आरबीआई ने इस गलत प्रथा को रोकने के लिए बैंकों पर कड़े निर्देश जारी किए हैं। बैंकों को उन ग्राहकों से वसूला गया अतिरिक्त ब्याज और शुल्क वापस करना होगा जिनसे गलत तरीके से पैसा लिया गया था। साथ ही, आरबीआई ने निर्देश दिया है कि बैंकों को लोन वितरण के लिए पारंपरिक चेक प्रणाली के बजाय ऑनलाइन ट्रांसफर जैसे तेज और पारदर्शी माध्यमों का उपयोग करना चाहिए। इससे ग्राहकों को जल्दी और सुगम तरीके से लोन मिल सकेगा और अनावश्यक शुल्क देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ग्राहकों को पूरी जानकारी देना अनिवार्य
इसके अलावा, आरबीआई ने बैंकों को स्पष्ट कर दिया है कि वे ग्राहकों को लोन लेने से पहले सभी शुल्क और ब्याज दरों की विस्तृत जानकारी दें। बैंकिंग नियामक चाहता है कि लोन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो और ग्राहकों को किसी भी तरह से गुमराह न किया जाए। इसलिए अब यह जरूरी हो गया है कि ग्राहक लोन लेने से पहले सभी शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और बैंक से ब्याज दर, प्रोसेसिंग शुल्क, अन्य अतिरिक्त शुल्क और भुगतान शर्तों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।
बैंक से शिकायत कैसे करें
यदि आपको यह संदेह है कि आपका बैंक आपसे अनावश्यक शुल्क वसूल रहा है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए आरबीआई ने अलग से हेल्पलाइन और ऑनलाइन शिकायत पोर्टल भी उपलब्ध कराए हैं। ग्राहक अपनी शिकायत सीधे आरबीआई के पास दर्ज करा सकते हैं और जरूरत पड़ने पर बैंकिंग लोकपाल से भी संपर्क कर सकते हैं।
बैंकिंग प्रणाली में सुधार की जरूरत
बैंकों को भी अब सतर्क रहना होगा क्योंकि आरबीआई इस मामले को लेकर काफी गंभीर है। अगर कोई बैंक नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही, उसकी लोन प्रक्रिया पर भी रोक लगाई जा सकती है। इसलिए, ग्राहक जागरूक रहें और अपने अधिकारों की जानकारी रखें।
ग्राहकों की सतर्कता जरूरी
अब जब आरबीआई ने बैंकों पर सख्ती करना शुरू कर दिया है, तो ग्राहकों को भी सतर्क रहना होगा। जब भी आप कोई लोन लें, तो उसके दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें और यह सुनिश्चित करें कि आपसे किसी भी प्रकार का अनावश्यक शुल्क नहीं लिया जा रहा है। अगर कोई बैंक नियमों का पालन नहीं कर रहा है तो आप उसकी शिकायत आरबीआई से कर सकते हैं। आरबीआई का यह कदम ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए है और इससे बैंकिंग व्यवस्था में और अधिक पारदर्शिता आएगी।