Railway Rules Change – आजकल के समय में जब महंगाई बढ़ती जा रही है, हर चीज़ महंगी हो रही है, ऐसे में रेलवे ने बुजुर्गों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। लंबे समय से वरिष्ठ नागरिकों की मांग थी कि उन्हें रेल टिकट पर फिर से छूट मिले, जो कि कोविड-19 के बाद बंद कर दी गई थी। अब रेलवे ने उनकी सुन ली है और 21 अप्रैल से एक नया नियम लागू करने जा रहा है, जिसके तहत बुजुर्गों को फिर से टिकट में छूट मिलेगी। यह निर्णय बुजुर्गों के लिए राहत की बात है और उनके यात्रा खर्चों को कम करने में मदद करेगा।
रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट: पहले और अब
कोविड-19 से पहले रेलवे बुजुर्गों को टिकट में छूट देती थी। यह छूट उम्र और लिंग के आधार पर अलग-अलग थी।
- पुरुष वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष या उससे अधिक) को 40% छूट मिलती थी।
- महिला वरिष्ठ नागरिक (58 वर्ष या उससे अधिक) को 50% छूट मिलती थी।
लेकिन महामारी के बाद इस छूट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। कई बार सरकार से इस छूट को फिर से शुरू करने की मांग की गई, परंतु हर बार यही कहा गया कि आर्थिक कारणों से यह संभव नहीं है। हालांकि, अब रेलवे ने इस मुद्दे को समझते हुए फैसला लिया है कि 21 अप्रैल 2025 से यह छूट फिर से दी जाएगी।
नए नियमों के तहत क्या बदलेगा?
नए नियमों के अनुसार, यह छूट कुछ विशेष ट्रेनों और श्रेणियों तक सीमित रहेगी। बुजुर्गों को टिकट में छूट निम्नलिखित रूप से मिलेगी:
- स्लीपर क्लास और सेकंड क्लास (जनरल) में ही यह छूट लागू होगी।
- पुरुषों को 40% और महिलाओं को 50% की छूट दी जाएगी, जैसे पहले दी जाती थी।
- यह छूट केवल भारतीय नागरिकों के लिए होगी।
- आईडी प्रूफ (जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी) दिखाना अनिवार्य होगा।
रेलवे का कहना है कि यह छूट केवल कुछ ट्रेनों तक ही सीमित रहेगी, जैसे कि राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस, और वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों में यह छूट लागू नहीं होगी।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह छूट क्यों जरूरी थी?
- सीमित आय वाले बुजुर्ग: अधिकांश बुजुर्ग लोग रिटायर होते हैं और उनका आय का स्रोत पेंशन या कुछ सीमित सेविंग्स होती है। इस वजह से, ट्रेनों का किराया उनके लिए एक बड़ा खर्च बन जाता है।
- इलाज और पारिवारिक कारणों से यात्रा: कई बुजुर्ग अपने इलाज के लिए बड़े शहरों में सफर करते हैं, जबकि कुछ को बच्चों या रिश्तेदारों से मिलने जाना होता है। टिकट में छूट मिलने से उनके लिए यह यात्रा सस्ती और आसान हो जाती है।
उदाहरण के तौर पर, मेरे मोहल्ले में एक चाचा जी हैं जिनकी उम्र 68 साल है। वह हर तीन महीने में दिल्ली AIIMS में चेकअप कराने जाते हैं। पहले जब छूट मिलती थी, तो उनका यात्रा खर्च 400 रुपये के आस-पास रहता था, लेकिन छूट बंद होने के बाद उन्हें लगभग 700-800 रुपये खर्च करने पड़ते थे। अब जब फिर से छूट मिलेगी, तो उनके जैसे लाखों बुजुर्गों को राहत मिलेगी।
कैसे मिलेगा यह फायदा?
इस सुविधा का लाभ लेने के लिए बुजुर्गों को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा:
- टिकट बुक करते समय ‘Senior Citizen Concession’ का विकल्प चुनें।
- पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी या वरिष्ठ नागरिक कार्ड) साथ रखें, जिसे पहचान साबित करने के लिए दिखाना होगा।
- IRCTC वेबसाइट से ऑनलाइन टिकट बुक करते समय यह विकल्प अपने आप दिखाई देगा।
किन ट्रेनों में छूट नहीं मिलेगी?
रेलवे ने यह स्पष्ट किया है कि यह छूट सभी ट्रेनों में लागू नहीं होगी। प्रीमियम ट्रेनों में यह छूट नहीं मिलेगी, जिनमें शामिल हैं:
- राजधानी एक्सप्रेस
- शताब्दी एक्सप्रेस
- दुरंतो एक्सप्रेस
- वंदे भारत एक्सप्रेस
सरकार का पक्ष और भविष्य की योजनाएं
रेलवे मंत्रालय का कहना है कि बुजुर्गों को टिकट में छूट देने का निर्णय सामाजिक जिम्मेदारी और लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर लिया गया है। भविष्य में इस छूट को और ट्रेनों में लागू करने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है। रेल मंत्री ने इस निर्णय को एक सकारात्मक सामाजिक कदम माना और कहा, “बुजुर्गों की सेवा करना हमारा कर्तव्य है।”
बुजुर्गों के लिए ये छूट कैसे उनकी जिंदगी आसान बनाएगी?
- इलाज के लिए यात्रा सस्ती हो जाएगी: बुजुर्गों को अब अपनी स्वास्थ्य जांच के लिए यात्रा करने में राहत मिलेगी।
- पारिवारिक समारोहों में शामिल होना आसान होगा: उन्हें अपने परिवार के समारोहों में भाग लेने के लिए यात्रा पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ेगा।
- घूमने-फिरने की आज़ादी फिर से मिलेगी: बुजुर्ग अब बिना किसी चिंता के अपनी यात्रा योजना बना सकेंगे।
- समाज में इज्ज़त और आत्मनिर्भरता का भाव बढ़ेगा: यह छूट बुजुर्गों को सम्मानित महसूस कराएगी और उन्हें समाज में आत्मनिर्भर बनाएगी।
रेलवे द्वारा बुजुर्गों को फिर से टिकट में छूट देना एक सराहनीय कदम है, जो न सिर्फ बुजुर्गों की जिंदगी को सरल बनाएगा, बल्कि समाज में उनके प्रति जिम्मेदारी का एहसास भी बढ़ाएगा। अगर आपके परिवार में कोई वरिष्ठ नागरिक है, तो उन्हें इस नई सुविधा के बारे में बताएं। आने वाले समय में यदि रेलवे इस छूट को और ट्रेनों तक बढ़ाता है, तो इससे और भी अधिक लोग लाभान्वित होंगे।
यह कदम बुजुर्गों के लिए एक बड़ी राहत है और समाज में उनके योगदान को सराहा जाएगा। इस पहल से जुड़ी आपकी राय या अनुभव हो तो साझा करें, ताकि हम सब मिलकर बुजुर्गों की जिंदगी को और बेहतर बना सकें।