OLD Pension Scheme Good News – सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बहुत ही बड़ी और राहत भरी खबर है जो लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस की वापसी का इंतजार कर रहे थे। आखिरकार सरकार ने यह ऐलान कर ही दिया है कि 15 अप्रैल 2025 से पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया जाएगा। यह फैसला उन लाखों कर्मचारियों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आया है जो वर्षों से इसके लिए प्रदर्शन कर रहे थे। तो चलिए इस फैसले को थोड़ी और गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि इसका असर किस-किस पर पड़ेगा और कैसे ये फैसला सरकारी नौकरी की तस्वीर बदल सकता है।
सबसे पहले जानें पुरानी पेंशन योजना क्या है
पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस एक ऐसी स्कीम थी जिसमें सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनके आखिरी वेतन का एक निश्चित हिस्सा हर महीने पेंशन के रूप में दिया जाता था। इसमें सरकार पूरी गारंटी देती थी कि कर्मचारी को आजीवन तय पेंशन मिलती रहेगी और साथ ही महंगाई भत्ते के अनुसार समय समय पर उसमें बढ़ोतरी भी होती रहेगी।
लेकिन 2004 में सरकार ने एक बड़ा बदलाव करते हुए ओपीएस को हटाकर नई पेंशन योजना यानी एनपीएस को लागू कर दिया। इस स्कीम में कर्मचारी और सरकार दोनों मिलकर पेंशन फंड में पैसा जमा करते हैं और रिटायरमेंट के बाद उस फंड से मिलने वाली राशि शेयर मार्केट की परफॉर्मेंस पर निर्भर करती है। यहीं से विवाद की शुरुआत हुई।
एनपीएस को लेकर क्यों हुई नाराजगी
नई पेंशन योजना को लेकर सरकारी कर्मचारियों के मन में शुरुआत से ही कई सवाल थे। सबसे बड़ा मुद्दा ये था कि इसमें भविष्य की पेंशन गारंटीड नहीं थी। शेयर बाजार अगर गिर गया तो पेंशन पर असर पड़ेगा और बढ़ गया तो फायदा होगा। लेकिन रिटायरमेंट के बाद कोई रिस्क उठाना हर किसी के लिए मुश्किल होता है।
- एनपीएस में फिक्स पेंशन की कोई गारंटी नहीं थी
- बाजार पर आधारित रिटर्न ने कर्मचारियों को असुरक्षित बना दिया
- फैमिली पेंशन का कोई ठोस ढांचा नहीं था
- महंगाई भत्ते के साथ पेंशन नहीं बढ़ती थी
- रिटायरमेंट के बाद नियमित और स्थिर इनकम का अभाव था
इन्हीं कारणों से देशभर के कर्मचारी संगठन लगातार ओपीएस की वापसी की मांग करते रहे। धरने हुए, विरोध प्रदर्शन हुए और सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर काफी आंदोलन चला।
अब क्या बदलेगा 15 अप्रैल से
सरकार ने अब जो फैसला लिया है उसके मुताबिक 15 अप्रैल 2025 से कुछ खास बातों को लागू किया जाएगा जो इस प्रकार हैं
- 2004 से पहले नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों को ओपीएस का सीधा लाभ मिलेगा
- रिटायरमेंट के बाद पेंशन की राशि उनके आखिरी वेतन पर आधारित होगी
- समय समय पर महंगाई भत्ते के अनुसार पेंशन में बढ़ोतरी होती रहेगी
- कर्मचारी की मृत्यु पर उसके परिवार को पेंशन मिलती रहेगी
- कुछ कर्मचारियों को ओपीएस और एनपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जाएगा
इससे कर्मचारियों को क्या फायदा होगा
- स्थिर इनकम की गारंटी
अब रिटायरमेंट के बाद हर महीने एक फिक्स अमाउंट पेंशन के रूप में मिलेगा जिससे बुजुर्ग कर्मचारियों को आर्थिक तनाव नहीं रहेगा - महंगाई से राहत
जैसे जैसे महंगाई बढ़ेगी वैसे वैसे पेंशन भी बढ़ेगी। इससे रिटायरमेंट के बाद जीवन स्तर में गिरावट नहीं आएगी - परिवार को भी सुरक्षा
अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उनके परिजनों को पेंशन मिलती रहेगी जिससे परिवार की आजीविका पर असर नहीं पड़ेगा - बाजार रिस्क से मुक्ति
अब पेंशन शेयर बाजार की उठापटक से प्रभावित नहीं होगी। पेंशन की रकम सरकार की गारंटी पर तय होगी - मानसिक संतुलन और सेवा भाव में सुधार
जब कर्मचारी को अपने भविष्य की चिंता नहीं रहेगी तो वह ज्यादा मन लगाकर और ईमानदारी से अपनी ड्यूटी कर पाएगा
अब बड़ा सवाल 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों का क्या होगा
फिलहाल यह स्कीम सिर्फ 2004 से पहले नियुक्त कर्मचारियों के लिए बहाल की गई है लेकिन लाखों कर्मचारी जो इसके बाद नियुक्त हुए हैं वे भी इसकी मांग कर रहे हैं। कई राज्य सरकारें जैसे राजस्थान छत्तीसगढ़ झारखंड हिमाचल प्रदेश पहले ही ओपीएस को बहाल कर चुकी हैं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में केंद्र सरकार भी इस दिशा में कुछ सकारात्मक कदम उठा सकती है।
सरकारी नौकरी का आकर्षण फिर से बढ़ेगा
ओपीएस की बहाली से एक बात तो तय है कि सरकारी नौकरी की तरफ लोगों का रुझान और बढ़ेगा। पहले लोग इसीलिए सरकारी नौकरी पसंद करते थे क्योंकि इसमें रिटायरमेंट के बाद पेंशन की सुविधा होती थी लेकिन जब ये सुविधा बंद हो गई तो युवाओं का रुझान प्राइवेट सेक्टर की तरफ बढ़ा। अब फिर से स्थिरता और सुरक्षा की भावना लौटेगी जिससे योग्य उम्मीदवार दोबारा सरकारी क्षेत्र की तरफ आकर्षित होंगे।
पुरानी पेंशन योजना की वापसी सिर्फ एक नीतिगत फैसला नहीं है बल्कि यह करोड़ों परिवारों की उम्मीदों का जवाब है। इससे कर्मचारियों को न सिर्फ आर्थिक सुरक्षा मिलेगी बल्कि उनके मन में एक विश्वास भी जगेगा कि सरकार उनके भविष्य को लेकर गंभीर है। यह निर्णय कर्मचारियों के जीवन में न सिर्फ स्थिरता लाएगा बल्कि उनका आत्मविश्वास और मनोबल भी बढ़ाएगा।
हालांकि अभी 2004 के बाद के कर्मचारियों के लिए स्थिति स्पष्ट नहीं है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इस दिशा में भी सरकार कोई बड़ा कदम उठाएगी। फिलहाल यह फैसला उन सभी लोगों के लिए बड़ी राहत है जो सालों से इसके लिए संघर्ष कर रहे थे।