Land Registry New Rules – अगर आप भी आने वाले समय में कोई जमीन या संपत्ति खरीदने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारत सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए कुछ बड़े बदलाव किए हैं जो 10 अप्रैल 2025 से पूरे देश में लागू हो रहे है। इन बदलावों से न केवल भ्रष्टाचार में कमी आएगी बल्कि आम लोगों के लिए रजिस्ट्री कराना भी पहले से काफी आसान हो जाएगा।
जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों का उद्देश्य
सरकार की इस नई पहल का मकसद जमीन और संपत्ति से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकना, दस्तावेजों को डिजिटल बनाना और पूरी प्रक्रिया को तेज व आसान बनाना है। अब रजिस्ट्री के लिए बार बार तहसील ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बस एक बार ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करें और बाकी का काम अपने आप होता जाएगा।
क्या क्या बदलेगा इस नई प्रक्रिया में
अब रजिस्ट्री से जुड़े सभी काम डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए पूरे होंगे। नीचे हम हर बदलाव को विस्तार से समझते हैं।
डिजिटल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
अब पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके अंतर्गत
- सभी दस्तावेज अब ऑनलाइन जमा किए जाएंगे
- रजिस्ट्रार ऑफिस जाना जरूरी नहीं होगा
- डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग किया जाएगा
- रजिस्ट्रेशन होते ही डिजिटल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा
- इससे समय बचेगा और काम आसान हो जाएगा
आधार कार्ड से लिंकिंग अनिवार्य
हर खरीदार और विक्रेता को अब अपनी संपत्ति आधार कार्ड से लिंक करनी होगी। इससे
- फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा
- बेनामी संपत्ति को ट्रैक करना आसान होगा
- संपत्ति का रिकॉर्ड सीधे व्यक्ति की पहचान से जुड़ा होगा
रजिस्ट्री की वीडियो रिकॉर्डिंग जरूरी
अब से रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो। इसके फायदे हैं
- हर पक्ष की सहमति रिकॉर्ड पर होगी
- बाद में कोई पक्ष मुकर नहीं सकेगा
- ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी
ऑनलाइन फीस भुगतान की सुविधा
अब रजिस्ट्री के दौरान लगने वाले सभी शुल्क जैसे स्टांप ड्यूटी, प्रोसेसिंग फीस आदि ऑनलाइन भरे जा सकेंगे। इसके फायदे
- कैश की जरूरत नहीं होगी
- भ्रष्टाचार में कमी आएगी
- भुगतान का पूरा रिकॉर्ड रहेगा
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य
अब खरीदार और विक्रेता दोनों को बायोमेट्रिक सत्यापन कराना होगा ताकि कोई भी झूठी पहचान से रजिस्ट्री न करा सके। इससे कई तरह की धोखाधड़ी रोकी जा सकेगी।
स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस अब कैसा होगा
नई प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सरकार ने इसे चरणों में बांटा है। अब जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया कुछ इस तरह होगी
- ऑनलाइन आवेदन सरकारी पोर्टल पर करें
- ज़रूरी दस्तावेज स्कैन कर अपलोड करें
- ऑनलाइन फीस का भुगतान करें
- दस्तावेजों का ऑनलाइन सत्यापन होगा
- सत्यापन के बाद एक अपॉइंटमेंट तय होगा
- अपॉइंटमेंट वाले दिन बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन होगा
- रजिस्ट्रार डिजिटल सिग्नेचर करेगा
- आपको डिजिटल सर्टिफिकेट मिल जाएगा
इस बदलाव से लोगों को क्या लाभ मिलेगा
- पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित होगी
- सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे
- कम समय में रजिस्ट्रेशन हो सकेगा
- फर्जीवाड़ा और बेनामी संपत्ति पर रोक लगेगी
- सब कुछ ऑनलाइन होने से रिकॉर्ड मैनेजमेंट बेहतर होगा
किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी
नई नियमों के अनुसार रजिस्ट्री के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज चाहिए होंगे जैसे
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- प्रॉपर्टी से जुड़े कागजात जैसे टाइटल डीड, सेल डीड
- नॉन इंकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट
- प्रॉपर्टी टैक्स रसीद
- राजस्व रिकॉर्ड
एक आम व्यक्ति के लिए बदलाव के मायने
अब एक आम व्यक्ति जिसे पहले रजिस्ट्री के नाम से डर लगता था उसे ज्यादा झंझट नहीं झेलना पड़ेगा। उदाहरण के लिए गांव के रमेश जी जो पहले पटवारी और क्लर्क के पीछे भागते रहते थे अब घर बैठे अपने बेटे की मदद से मोबाइल पर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी कर पाएंगे। इससे समय बचेगा और पैसा भी।
जमीन रजिस्ट्री के नए नियम भारत की डिजिटल दिशा में एक बड़ा कदम हैं। इससे न केवल भ्रष्टाचार में कमी आएगी बल्कि आम लोगों को भी भरोसा मिलेगा कि अब उनकी जमीन सुरक्षित है और किसी धोखाधड़ी का शिकार नहीं होंगे। सरकार का मकसद है कि भविष्य में रियल एस्टेट सेक्टर पूरी तरह पारदर्शी और ईमानदार बने।
अगर आप भी जमीन खरीदने की सोच रहे हैं तो इन नए नियमों को जरूर ध्यान में रखें और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को अपनाएं। अब जमीन की रजिस्ट्री पहले से कहीं ज्यादा आसान और सुरक्षित हो गई है।