Gold Rate Today – 2025 में सोने की कीमतों को लेकर बाजार में हलचल मची हुई है। बीते कुछ समय में सोने ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। 2024 में जहां सोने ने करीब 27 प्रतिशत का रिटर्न दिया था, वहीं 2025 की शुरुआत में ही यह आंकड़ा 16 प्रतिशत के पार चला गया है। निवेशकों के लिए यह फायदे का सौदा रहा है, लेकिन आम खरीदारों को इससे तगड़ा झटका लगा है क्योंकि सोने की कीमतें फिलहाल रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं।
93000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा सोना
भारत में इस समय 24 कैरेट सोने का भाव 93000 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर कारोबार कर रहा है। यह कीमत शादी-ब्याह जैसे आयोजनों के लिए सोना खरीदने वाले आम लोगों के बजट से काफी बाहर है। वहीं, 4 अप्रैल को एक दिन में ही सोने की कीमतों में 1600 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे बाजार में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या अब गिरावट का दौर शुरू हो गया है।
अमेरिकी एक्सपर्ट की चेतावनी – 56000 तक गिर सकता है सोना
अमेरिका की रिसर्च फर्म मॉर्निंगस्टार के रणनीतिकार जॉन मिल्स का मानना है कि आने वाले कुछ वर्षों में सोने की कीमतों में 38 प्रतिशत तक की भारी गिरावट हो सकती है। उनका अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 3080 डॉलर प्रति औंस से गिरकर 1820 डॉलर प्रति औंस तक आ सकता है। इसका असर भारत के बाजार पर भी पड़ेगा और यहां सोना 56000 रुपये प्रति 10 ग्राम के नीचे आ सकता है।
सोने की गिरावट के मुख्य कारण
1. सप्लाई में बढ़ोतरी
दुनियाभर की खदानों से अब पहले से ज्यादा सोना निकल रहा है। सोने का कुल वैश्विक भंडार 9 प्रतिशत बढ़कर 216265 टन तक पहुंच गया है। ऑस्ट्रेलिया में खनन की रफ्तार तेज हुई है और पुराना सोना भी अब मार्केट में दोबारा आ रहा है, जिससे सप्लाई ज्यादा हो गई है।
2. सेंट्रल बैंकों की खरीद में कमी
पिछले साल केंद्रीय बैंकों ने 1045 टन सोना खरीदा था। लेकिन एक हालिया सर्वे के अनुसार, इस साल 71 प्रतिशत सेंट्रल बैंक या तो अपनी खरीद को कम करेंगे या स्थिर रखेंगे। इससे डिमांड पर असर पड़ेगा और कीमतों में गिरावट आ सकती है।
3. बाजार में सैचुरेशन का संकेत
2024 में सोने की खनन कंपनियों में 32 प्रतिशत अधिक विलय और अधिग्रहण हुए हैं। इसका मतलब है कि बाजार अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है। साथ ही, गोल्ड ETF में निवेश बढ़ने से भौतिक सोने की मांग घट रही है, जो कीमतों में गिरावट का कारण बन सकता है।
क्या वाकई आ रही है बड़ी गिरावट
हालांकि, सभी एक्सपर्ट इस गिरावट के अनुमान से सहमत नहीं हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतें और भी ऊपर जा सकती हैं। बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि अगले दो वर्षों में सोना 3500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। वहीं, गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों का कहना है कि इस साल के अंत तक सोने की कीमत 3300 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है।
निवेशकों के लिए सतर्क रहने का समय
अगर आपने ऊंचे दामों पर सोने में निवेश किया है तो फिलहाल बाजार की चाल पर नजर रखना जरूरी है। वहीं, जो लोग लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए गिरावट का यह अनुमान एक अच्छा अवसर बन सकता है।
फिलहाल, बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है और सोने की कीमतें आने वाले समय में किस दिशा में जाएंगी, यह वैश्विक परिस्थितियों, सेंट्रल बैंकों की नीति और निवेशकों की रणनीति पर निर्भर करेगा। इसलिए निवेश करने से पहले पूरी जानकारी जुटाना और सोच-समझकर कदम उठाना बेहद जरूरी है।