FASTag New Rules 2025 – अगर आप भी गाड़ी चलाते हैं और हाईवे या टोल प्लाजा से गुजरते हैं, तो फास्टैग के नए नियम आपके लिए जानना बहुत जरूरी है। 1 अप्रैल 2025 से पूरे देश में फास्टैग को लेकर कुछ नए नियम लागू हो गए हैं, जिनका पालन न करना आपके लिए भारी पड़ सकता है। इन नियमों का उद्देश्य टोल कलेक्शन को पूरी तरह से डिजिटल और सुगम बनाना है ताकि देश की सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या कम हो सके और टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी लाइनों से छुटकारा मिले।
क्या है फास्टैग और कैसे करता है काम
फास्टैग एक छोटा सा इलेक्ट्रॉनिक टैग होता है जिसे वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। यह RFID टेक्नोलॉजी पर काम करता है जो टोल प्लाजा पर लगे स्कैनर के संपर्क में आते ही एक्टिव हो जाता है और आपके फास्टैग अकाउंट से टोल राशि कट जाती है। इस पूरे प्रोसेस में ना तो वाहन को रोकने की जरूरत होती है और ना ही नकद भुगतान करने की।
क्यों जरूरी हो गया है फास्टैग
पहले फास्टैग का उपयोग वैकल्पिक था, लेकिन अब नए नियमों के तहत यह सभी निजी और व्यावसायिक वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। अगर आपके वाहन पर फास्टैग नहीं लगा है या वह एक्टिव नहीं है, तो आपको टोल प्लाजा पर सामान्य शुल्क से दोगुना चार्ज देना पड़ेगा। सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ा प्रयास है जिससे टोल प्लाजा पर होने वाली भीड़ कम होगी और समय की बचत होगी।
फास्टैग के फायदे
फास्टैग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होती जिससे समय और ईंधन दोनों की बचत होती है। इसके अलावा टोल भुगतान का पूरा रिकॉर्ड आपके मोबाइल या बैंक अकाउंट में आ जाता है जिससे ट्रांसपेरेंसी बनी रहती है। कुछ टोल प्लाजा पर फास्टैग यूजर्स को डिस्काउंट भी मिलता है जो अतिरिक्त लाभ देता है। वहीं जिन लोगों को ऑफिस या काम के सिलसिले में रोजाना टोल पार करना पड़ता है उनके लिए यह सुविधा और भी फायदेमंद है।
नए नियम क्या कहते हैं
2025 के नए नियमों के अनुसार, हर वाहन मालिक को फास्टैग लगवाना जरूरी है। अगर कोई वाहन बिना फास्टैग के टोल पार करता है तो उसे डबल चार्ज देना होगा। इतना ही नहीं, फास्टैग से जुड़े अकाउंट में अगर पर्याप्त बैलेंस नहीं है और आप टोल से गुजरने की कोशिश करते हैं, तो आपका फास्टैग ब्लैकलिस्ट हो सकता है और आपको फाइन भरना पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप समय-समय पर अपने फास्टैग अकाउंट का बैलेंस चेक करते रहें और उसे टॉप-अप करते रहें।
फास्टैग कैसे और कहां से लें
फास्टैग लेना अब बहुत आसान हो गया है। आप इसे अपने बैंक से, पेटीएम, गूगल पे, फोन पे, अमेजन या फिर NHAI की वेबसाइट से ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और एक पासपोर्ट साइज फोटो देना होगा। बैंक इसे आपके नाम और वाहन नंबर से लिंक कर देता है और फिर आप इसे आसानी से अपनी गाड़ी पर लगा सकते हैं।
फास्टैग का सही तरीके से रखरखाव कैसे करें
फास्टैग एक बार वाहन पर लग जाने के बाद बहुत कम मेंटेनेंस की जरूरत होती है। आपको बस यह ध्यान रखना होता है कि फास्टैग सही जगह पर चिपका हो और स्कैनर उसे पढ़ सके। साथ ही, समय-समय पर बैलेंस चेक करना और जरूरत पड़ने पर रिचार्ज करना जरूरी है। अगर आपका फास्टैग एक्सपायर हो गया है या खराब हो गया है, तो तुरंत नया फास्टैग बनवाएं क्योंकि पुराने टैग से एंट्री मिलना बंद हो सकता है।
NETC प्रोग्राम और इसकी उपयोगिता
भारत सरकार ने फास्टैग की सुविधा को पूरे देश में एक समान रूप से लागू करने के लिए NETC यानी नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रोग्राम की शुरुआत की है। इसके तहत आप किसी भी राज्य के टोल प्लाजा पर फास्टैग का उपयोग कर सकते हैं और एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड रख सकते हैं। इससे यात्रा करना और भी सुविधाजनक हो गया है।
ध्यान में रखने योग्य बातें
फास्टैग एक वाहन के लिए होता है, इसे किसी दूसरे वाहन में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। अगर आप अपनी गाड़ी बेचते हैं तो फास्टैग को डिएक्टिवेट करवा देना चाहिए और नए वाहन के लिए नया फास्टैग बनवाना चाहिए। साथ ही, अगर आप फास्टैग को किसी प्रीपेड अकाउंट से लिंक करते हैं तो उसका बैलेंस भी मैनुअली टॉप-अप करना होगा।
फास्टैग अब सिर्फ एक विकल्प नहीं बल्कि जरूरत बन चुका है। इससे आपकी यात्रा आसान, तेज़ और स्मार्ट बन जाती है। डिजिटल इंडिया की दिशा में यह एक बड़ा कदम है जो टोल सिस्टम को पूरी तरह से आधुनिक और पारदर्शी बना रहा है। अगर आपने अभी तक फास्टैग नहीं लिया है तो देर ना करें, आज ही इसे एक्टिव करवाएं और बिना रुकावट के अपनी यात्रा का आनंद लें।