EPS 95 Pension Hike – अगर आप भी ईपीएस 95 पेंशन योजना के तहत पेंशन पाने वाले बुजुर्ग हैं या आपके परिवार में कोई इस योजना से जुड़ा हुआ है तो ये खबर आपके लिए बहुत अहम है। पिछले कुछ समय से एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ईपीएस 95 पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर सात हजार पांच सौ रुपये करने का फैसला लिया गया है। हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह वाकई एक ऐतिहासिक कदम होगा जिससे देशभर के लाखों बुजुर्गों को सीधी राहत मिलेगी।
EPS 95 योजना क्या है और किसके लिए है
EPS यानी Employees Pension Scheme 1995 को EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा संचालित किया जाता है। इसका उद्देश्य संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित मासिक पेंशन देना है जिससे उन्हें बुढ़ापे में आर्थिक सहारा मिल सके। ये योजना उन कर्मचारियों के लिए है जो अपने करियर के दौरान पीएफ में योगदान करते हैं और कम से कम दस साल तक नौकरी करते हैं।
इस योजना के तहत अभी फिलहाल न्यूनतम पेंशन राशि केवल एक हजार रुपये प्रति माह है। सोचिए आज के जमाने में जहां एक किलो दाल दो सौ रुपये तक पहुंच गई हो वहां एक हजार रुपये में महीने भर का गुजारा कैसे होगा। यही वजह है कि EPS 95 पेंशनर्स सालों से इस न्यूनतम राशि को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
क्या है नए प्रस्ताव की चर्चा
मीडिया रिपोर्ट्स और पेंशनर्स यूनियन के हवाले से यह बताया जा रहा है कि सरकार जल्द ही EPS 95 पेंशन को बढ़ाकर सात हजार पांच सौ रुपये प्रति माह करने जा रही है। ये घोषणा अगर वाकई होती है तो करोड़ों पेंशनर्स के लिए यह एक बहुत बड़ी राहत होगी। खासकर वे लोग जो किसी कंपनी में चपरासी या अन्य ग्रेड फोर के पदों पर काम करते थे और अब रिटायर हो चुके हैं उनके लिए ये एक बड़ा बदलाव होगा।
पेंशन बढ़ोतरी के क्या होंगे फायदे
सबसे पहला फायदा तो यही है कि बुजुर्गों को आर्थिक मजबूती मिलेगी। आज के समय में बुढ़ापे की सबसे बड़ी चिंता दवाइयों और इलाज की होती है। एक हजार रुपये में जहां दवा भी ठीक से नहीं आती वहां अगर पेंशन सात हजार पांच सौ रुपये हो जाए तो दवाइयों के साथ साथ बाकी जरूरी खर्चों जैसे दूध सब्जी बिजली पानी का बिल भी आराम से मैनेज किया जा सकता है।
दूसरा फायदा यह है कि इससे पेंशनर्स की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। अभी कई बुजुर्ग अपने बच्चों पर निर्भर रहते हैं लेकिन अगर उन्हें एक सम्मानजनक राशि हर महीने मिले तो वो खुद अपने खर्चों का ध्यान रख सकते हैं।
तीसरा फायदा यह होगा कि पेंशनर्स के परिवार को भी सुरक्षा मिलेगी क्योंकि EPS योजना में सदस्य की मृत्यु के बाद उसके परिवार को भी पेंशन मिलती है। ऐसे में अगर पेंशन की राशि ज्यादा होगी तो परिवार को भी आर्थिक सहारा मिलेगा।
कौन लोग होंगे इस बढ़ोतरी के पात्र
इस योजना का लाभ उन्हें मिलेगा जो EPFO के सदस्य हैं और जिन्होंने कम से कम दस साल की सेवा पूरी की है। इसके अलावा सेवानिवृत्ति की उम्र कम से कम अट्ठावन साल होनी चाहिए और नौकरी के दौरान पीएफ में नियमित योगदान हुआ हो।
आवेदन प्रक्रिया कैसी है
EPS 95 पेंशन के लिए EPFO पोर्टल पर जाकर फॉर्म 10 डी भरना होता है। इसके साथ आधार कार्ड बैंक डिटेल्स और अन्य जरूरी दस्तावेज लगते हैं। एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद वेरिफिकेशन के बाद पेंशन चालू हो जाती है।
अब तक क्या रही सरकार की प्रतिक्रिया
हालांकि अभी तक इस पेंशन बढ़ोतरी पर केंद्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन लगातार इस पर विचार किए जाने की खबरें आती रही हैं। पेंशनर्स संगठन भी समय समय पर प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी मांगें रखते रहे हैं। पिछले कुछ सालों में इस मुद्दे को लेकर कई बार प्रदर्शन भी हुए हैं।
क्या वाकई ये घोषणा होगी
यह कहना अभी मुश्किल है कि सात हजार पांच सौ रुपये की पेंशन बढ़ोतरी कब लागू होगी लेकिन जिस तरह से चुनावी माहौल में सरकारें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर ध्यान दे रही हैं उससे यह उम्मीद जरूर बनती है कि आने वाले समय में EPS 95 पेंशनर्स को राहत मिल सकती है। खासकर जब प्रधानमंत्री खुद इस वर्ग के प्रति संवेदनशीलता दिखा चुके हैं तो इस संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
अगर EPS 95 पेंशन को बढ़ाया जाता है तो यह सिर्फ एक संख्या नहीं होगी बल्कि लाखों बुजुर्गों के जीवन में बदलाव लाने वाली एक बड़ी पहल होगी। ये फैसला ना सिर्फ सामाजिक दृष्टिकोण से जरूरी है बल्कि नैतिक रूप से भी सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर दे।
सरकार से अपील है कि इस दिशा में जल्द से जल्द कोई आधिकारिक घोषणा करे ताकि जो लोग वर्षों से अपने अधिकार का इंतजार कर रहे हैं उन्हें राहत मिल सके। जब देश का हर बुजुर्ग आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होगा तभी सही मायनों में विकास और सम्मान की बात की जा सकती है।