लोन लेना है? तो पहले जानिए कैसे तय होता है आपका CIBIL स्कोर – CIBIL Score Rule

CIBIL Score Rule – आजकल लोन लेना लगभग हर किसी की जरूरत बन चुका है और उसमें सबसे अहम भूमिका निभाता है सिबिल स्कोर। लेकिन अभी भी बहुत से लोग हैं जिन्हें सिबिल स्कोर के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती कि ये कैसे बनता है, क्या-क्या चीजें इस पर असर डालती हैं और कैसे इसे सुधारा जा सकता है। तो चलिए जानते हैं पूरी डिटेल में कि आखिर सिबिल स्कोर कैसे कैलकुलेट होता है और किन बातों का ध्यान रखकर इसे बेहतर किया जा सकता है।

सिबिल स्कोर क्या है

सिबिल स्कोर एक तीन अंकों का नंबर होता है जो 300 से 900 के बीच होता है। ये स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर तय किया जाता है यानी आपने अब तक जो भी लोन लिया है, उसका रीपेमेंट कैसे किया है, कितनी क्रेडिट लिमिट इस्तेमाल की है, और आपके लोन लेने की आदतें कैसी रही हैं, ये सब मिलाकर आपका सिबिल स्कोर बनता है। अगर आपका स्कोर 750 से ऊपर है तो बैंक और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस आपको भरोसेमंद ग्राहक मानते हैं और आपको आसानी से लोन दे देते हैं।

कैसे तय होता है सिबिल स्कोर

अब बात करते हैं कि सिबिल स्कोर को बनाने में किन फैक्टर्स का रोल होता है। ये मुख्य रूप से चार हिस्सों में बंटा होता है

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रीपेमेंट हिस्ट्री

रीपेमेंट हिस्ट्री यानी आपने जो भी लोन लिए हैं, उनका भुगतान समय पर किया या नहीं। ये सबसे अहम फैक्टर होता है और इसका असर सिबिल स्कोर पर करीब 35 प्रतिशत होता है। अगर आपने अपनी कोई भी ईएमआई लेट की है या पेमेंट मिस किया है तो इसका सीधा असर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर पड़ता है और स्कोर नीचे चला जाता है। इसलिए कोशिश करें कि कभी भी कोई भी ईएमआई या क्रेडिट कार्ड बिल लेट ना करें।

क्रेडिट यूटिलाइजेशन

क्रेडिट यूटिलाइजेशन से मतलब है कि आपके पास जो क्रेडिट लिमिट है, उसका कितना प्रतिशत आप हर महीने इस्तेमाल करते हैं। अगर आप अपनी लिमिट का 30 प्रतिशत या उससे कम इस्तेमाल करते हैं तो ये हेल्दी माना जाता है। इसका सिबिल स्कोर पर असर लगभग 30 प्रतिशत होता है। उदाहरण के लिए अगर आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट एक लाख रुपये है और आप हर महीने करीब तीस हजार रुपये ही खर्च कर रहे हैं, तो ये सही माना जाएगा। लेकिन अगर आप हर महीने सत्तर से अस्सी हजार खर्च करते हैं तो ये दिखाता है कि आप बहुत अधिक क्रेडिट पर निर्भर हैं जो सिबिल स्कोर के लिए अच्छा नहीं है।

क्रेडिट हिस्ट्री की अवधि

जिसे क्रेडिट ड्यूरेशन भी कहते हैं, इसका असर करीब 15 प्रतिशत तक पड़ता है। मतलब ये कि आपने जितने लंबे समय से क्रेडिट का इस्तेमाल किया है, उतना ही आपका सिबिल स्कोर मजबूत होगा। इसलिए अगर आपके पास पुराना क्रेडिट कार्ड है जिसे आप इस्तेमाल नहीं करते लेकिन उसका भुगतान समय से होता रहा है, तो उसे बंद ना करें क्योंकि वो आपकी लंबी क्रेडिट हिस्ट्री दिखाता है।

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क्रेडिट मिक्स

क्रेडिट मिक्स का मतलब है आपने कितने तरह के लोन लिए हैं यानी पर्सनल लोन, होम लोन, ऑटो लोन या क्रेडिट कार्ड। अगर आपके पास अलग अलग तरह के लोन हैं और उनका भुगतान सही तरीके से कर रहे हैं तो ये भी आपके सिबिल स्कोर को मजबूत बनाता है। इसका असर लगभग 10 प्रतिशत होता है।

नए क्रेडिट एप्लिकेशन

अगर आप बहुत बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं तो हर बार आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक की जाती है जिसे हार्ड इंक्वायरी कहते हैं। ज्यादा बार की गई हार्ड इंक्वायरी भी आपके सिबिल स्कोर को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए बिना जरूरत के बार बार लोन या कार्ड के लिए अप्लाई ना करें।

अच्छा सिबिल स्कोर क्या माना जाता है

  • 750 से 900 तक का स्कोर बहुत अच्छा माना जाता है और इस रेंज में आपको आसानी से और बेहतर ब्याज दर पर लोन मिल सकता है
  • 700 से 749 के बीच का स्कोर अच्छा माना जाता है और लोन मिलने की संभावना अधिक होती है
  • 650 से 699 के बीच का स्कोर संतोषजनक होता है लेकिन आपको लोन मिलने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है
  • 600 से नीचे का स्कोर खराब माना जाता है और ऐसे स्कोर पर लोन मिलना मुश्किल हो जाता है या बहुत ऊंची ब्याज दर पर लोन दिया जाता है

सिबिल स्कोर सुधारने के आसान तरीके

  • समय पर सभी लोन की किश्तें और क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करें
  • क्रेडिट कार्ड की लिमिट का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल ना करें
  • पुराने क्रेडिट अकाउंट को बंद करने से बचें
  • नए लोन के लिए बार बार आवेदन ना करें
  • अगर गलती से कोई गलत जानकारी रिपोर्ट हुई है तो उसे सिबिल में सुधार के लिए रिक्वेस्ट करें

सिबिल स्कोर आपकी फाइनेंशियल इमेज का आइना होता है और अगर आप भविष्य में कोई बड़ा लोन जैसे होम लोन या कार लोन लेने की सोच रहे हैं तो अभी से अपनी क्रेडिट हिस्ट्री को दुरुस्त करना शुरू कर दीजिए। एक अच्छा सिबिल स्कोर ना सिर्फ आपको आसान लोन दिला सकता है बल्कि उस पर ब्याज भी कम लगता है जिससे आपकी जेब पर भार भी हल्का पड़ता है।

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इसलिए अब जब भी आप अगली बार लोन लेने जाएं तो पहले अपना सिबिल स्कोर जरूर चेक करें और अगर स्कोर कम है तो ऊपर बताए गए तरीकों से उसे बेहतर बनाएं।

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