Bank Interest Rates – अगर आप होम लोन या पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं तो आपके लिए यह समय काफी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि देश के कुछ बड़े सरकारी बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती की है जिससे लोन लेना अब पहले से सस्ता हो गया है और EMI का बोझ भी हल्का होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने हाल ही में रेपो रेट में 25 बेसिक प्वाइंट यानी 0 दशमलव 25 प्रतिशत की कटौती की थी जिसका असर अब बैंकों की ब्याज दरों पर दिखने लगा है।
बैंक ऑफ बड़ौदा पंजाब नेशनल बैंक और इंडियन बैंक जैसे बड़े सरकारी बैंकों ने अपने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट यानी RLLR में कटौती की है जिससे ग्राहकों को अब कम ब्याज पर लोन मिलने वाला है।
PNB की ब्याज दरों में बदलाव
पंजाब नेशनल बैंक ने 10 अप्रैल से अपने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट को 9 दशमलव 10 प्रतिशत से घटाकर 8 दशमलव 85 प्रतिशत कर दिया है।
- इसका सीधा फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा जिनके लोन RLLR से जुड़े हुए हैं।
- हालांकि बैंक की MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट और बेस रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इसका मतलब यह है कि केवल वही ग्राहक जिनके लोन रेपो आधारित दर से जुड़े हैं उन्हें कम ईएमआई का लाभ मिलेगा।
BOB यानी बैंक ऑफ बड़ौदा का फैसला
बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी रेपो रेट में कटौती के बाद अपने RLLR में 0 दशमलव 25 प्रतिशत की कमी की है।
हालांकि MCLR में कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन रेपो लिंक्ड लोन लेने वालों के लिए यह राहत की बात है।
इससे खासकर नए होम लोन या पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों को फायदा होगा क्योंकि उन्हें अब कम ब्याज देना होगा और ईएमआई भी कम हो जाएगी।
इंडियन बैंक की भी बड़ी राहत
चेन्नई स्थित इंडियन बैंक ने भी अपने रेपो बेंचमार्क लेंडिंग रेट यानी RBLR में 0 दशमलव 25 प्रतिशत की कटौती की है।
- बैंक ने अपनी ब्याज दर 6 दशमलव 25 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दी है।
- इसका असर उन सभी ग्राहकों पर पड़ेगा जो रेपो आधारित लोन ले रहे हैं।
अब इंडियन बैंक से लोन लेना और भी किफायती हो जाएगा जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग लोन लेने की ओर आकर्षित होंगे।
EMI में होगा कितना फर्क
अगर आपके ऊपर कोई मौजूदा लोन है जो रेपो लिंक्ड है तो आपको हर महीने की EMI में थोड़ी राहत मिल सकती है।
उदाहरण के तौर पर अगर आपने बैंक से 20 लाख रुपये का होम लोन लिया है जिसकी अवधि 20 साल है और उस पर पहले ब्याज दर 9 दशमलव 10 प्रतिशत थी तो आपकी EMI लगभग 18150 रुपये बनती है।
अब ब्याज दर घटकर 8 दशमलव 85 प्रतिशत हो जाने से EMI करीब 400 रुपये तक कम हो सकती है यानी साल भर में लगभग 4800 रुपये की बचत।
बाजार पर पड़ेगा सकारात्मक असर
- इन ब्याज दरों में कटौती से न सिर्फ ग्राहकों को राहत मिलेगी बल्कि बाजार में मांग भी बढ़ेगी।
- कई लोग जो अब तक लोन लेने से हिचक रहे थे वे अब कम ब्याज दर के चलते लोन लेने का फैसला कर सकते हैं।
- इससे रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर में भी रौनक बढ़ सकती है क्योंकि ये दोनों सेक्टर लोन पर काफी निर्भर होते हैं।
क्यों घटाई जाती है रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है।
जब भी आरबीआई को लगता है कि बाजार में मांग कम हो रही है या महंगाई पर नियंत्रण करना है तो वह रेपो रेट में बदलाव करता है।
रेपो रेट में कटौती का मकसद होता है कि बैंक भी सस्ते दर पर लोन लें और फिर उपभोक्ताओं को सस्ते दरों पर लोन मुहैया कराएं जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ सके।
किन्हें होगा ज्यादा फायदा
इस ब्याज दर में कटौती का सबसे ज्यादा फायदा उन्हीं ग्राहकों को मिलेगा जिनके लोन रेपो लिंक्ड हैं।
अगर आपका लोन MCLR या बेस रेट से जुड़ा है तो आपको तुरंत लाभ नहीं मिलेगा जब तक बैंक उसमें भी कटौती नहीं करता।
अगर आप नया लोन लेने की सोच रहे हैं तो कोशिश करें कि रेपो आधारित लोन लें ताकि ब्याज दर में बदलाव का सीधा फायदा मिल सके।
कैसे करें जांच कि आपका लोन किस सिस्टम से जुड़ा है
अगर आपको नहीं पता कि आपका मौजूदा लोन RLLR से जुड़ा है या नहीं तो आप अपने बैंक की ब्रांच जाकर पूछ सकते हैं या अपने लोन डॉक्यूमेंट्स चेक कर सकते हैं।
आप अपने नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग ऐप से भी यह जानकारी ले सकते हैं।
अगर आप चाहें तो बैंक से निवेदन करके अपने लोन को RLLR में भी बदलवा सकते हैं हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें और शुल्क हो सकते हैं।
- बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की गई यह कटौती आम आदमी के लिए राहत की खबर है।
- अब होम लोन पर्सनल लोन या एजुकेशन लोन लेना आसान और सस्ता हो गया है।
- अगर आप भी लोन लेने की सोच रहे हैं तो यह समय आपके लिए सही हो सकता है।
बस ध्यान रखें कि आप ब्याज दर किस प्रकार की प्रणाली से जुड़ी है यह समझकर ही लोन लें ताकि आपको लंबे समय में फायदा मिल सके।