Bank Cheque Rule – आज के दौर में भले ही डिजिटल पेमेंट जैसे यूपीआई, नेट बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट्स का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है लेकिन इसके बावजूद बैंक चेक की अहमियत अभी भी बनी हुई है। खासतौर पर बड़ी रकम के लेनदेन और ऑफिशियल ट्रांजैक्शंस में चेक एक भरोसेमंद माध्यम माना जाता है। लेकिन जैसे-जैसे तकनीक बढ़ी है वैसे-वैसे धोखाधड़ी के तरीके भी बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में अगर आप चेक से लेनदेन करते हैं तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है नहीं तो एक छोटी सी गलती आपको लाखों का नुकसान करा सकती है।
खाली चेक पर कभी भी साइन ना करें
यह सबसे कॉमन लेकिन खतरनाक गलती है जो बहुत से लोग करते हैं। कई बार लोग किसी को भरोसे में लेकर खाली चेक पर साइन करके दे देते हैं ताकि वो बाद में जरूरत के हिसाब से रकम भर ले लेकिन यह तरीका बहुत रिस्की है। अगर वह चेक किसी गलत हाथ में लग जाए तो आपकी पूरी रकम भी निकाल ली जा सकती है। इसलिए कभी भी साइन किया हुआ खाली चेक किसी को ना दें और खुद भी इस तरह के चेक को घर में या ऑफिस में कहीं खुले में ना छोड़ें।
कैंसिल चेक को भी हल्के में ना लें
बहुत बार लोग किसी बैंक या ऑफिस के डॉक्यूमेंटेशन के लिए कैंसिल चेक मांगते हैं और हम बिना सोचे समझे दे देते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि कैंसिल चेक पर भी फाइनेंशियल फ्रॉड किया जा सकता है अगर उसमें सावधानी नहीं बरती जाए। हमेशा चेक पर मोटे अक्षरों में कैंसिल लिखें और चेक के सिग्नेचर हिस्से और एमआईसीआर कोड के पास किसी तरह की खाली जगह ना छोड़ें। बेहतर होगा कि आप कैंसिल चेक की कॉपी पर भी सुरक्षा के लिहाज से कुछ निशान जरूर डालें जिससे उसका दुरुपयोग ना हो सके।
चेक पर क्रॉसिंग जरूर करें
यह एक बहुत जरूरी सुरक्षा प्रक्रिया है जिसे कई लोग नजरअंदाज कर देते हैं। जब भी आप किसी को चेक दे रहे हों तो उसे दो लाइन खींचकर क्रॉस कर दें और बीच में खाता पाई या केवल खाता धारक लिखें। इससे यह सुनिश्चित होगा कि चेक की राशि केवल उसी व्यक्ति के खाते में जाएगी जिसके नाम पर चेक लिखा गया है। क्रॉसिंग किए बिना चेक को कैश कराया जा सकता है जिससे गलत व्यक्ति पैसा निकाल सकता है।
खाते में पर्याप्त बैलेंस रखना बहुत जरूरी है
अगर आपने किसी को चेक दिया है और आपके खाते में पर्याप्त रकम नहीं है तो चेक बाउंस हो सकता है और यह केवल शर्मिंदगी की बात नहीं बल्कि कानूनी मुसीबत भी बन सकती है। चेक बाउंस होना एक अपराध है जिसके तहत आपके खिलाफ केस दर्ज हो सकता है और जुर्माना भी लग सकता है। इसलिए जब भी चेक जारी करें तो पहले अपने खाते का बैलेंस जरूर चेक करें और कोशिश करें कि कम से कम उस तारीख तक रकम खाते में मौजूद हो जब तक चेक क्लियर नहीं होता।
चेक भरते वक्त हर जानकारी साफ और सही भरें
चेक भरते समय तारीख, रकम और प्राप्तकर्ता का नाम बिल्कुल साफ साफ और सही लिखें। शब्दों में और अंकों में लिखी गई रकम में कोई भी अंतर नहीं होना चाहिए। अगर गलती हो जाए तो उस चेक को फाड़ दें और नया चेक इस्तेमाल करें क्योंकि ओवरराइटिंग या काट छांट से चेक अमान्य हो सकता है या धोखाधड़ी का कारण बन सकता है।
चेक बुक को भी संभालकर रखें
चेक बुक घर में कहीं भी खुले में ना छोड़ें और न ही किसी और को दें। अगर चेक बुक खो जाती है तो तुरंत बैंक को सूचित करें ताकि बाकी चेक को ब्लॉक किया जा सके। बैंक अकाउंट और चेक की एक्टिविटी पर नजर रखना भी जरूरी है ताकि कोई संदिग्ध ट्रांजैक्शन तुरंत पकड़ में आ सके।
चेक की जगह डिजिटल पेमेंट भी एक बेहतर विकल्प
अगर आप किसी को पैसे ट्रांसफर करना चाहते हैं और वह ट्रांजैक्शन तत्काल होना जरूरी है तो डिजिटल पेमेंट जैसे यूपीआई, मोबाइल बैंकिंग, एनईएफटी या आरटीजीएस का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर और सुरक्षित तरीका है। चेक की तुलना में ये तरीके तेजी से काम करते हैं और इनकी मॉनिटरिंग भी आसान होती है। हालांकि चेक का इस्तेमाल अभी भी कई जगहों पर जरूरी होता है लेकिन जहां संभव हो डिजिटल विकल्प को प्राथमिकता दें।
फाइनेंशियल सेफ्टी सबसे जरूरी है
फाइनेंशियल लेनदेन में थोड़ी सी लापरवाही भारी नुकसान का कारण बन सकती है। इसलिए चाहे चेक का इस्तेमाल करें या कोई और तरीका, हमेशा सतर्क रहें। अपने दस्तावेजों और बैंकिंग जानकारी को सुरक्षित रखें और समय समय पर बैंक से संपर्क बनाकर रखें ताकि किसी भी तरह की धोखाधड़ी से खुद को बचाया जा सके।
चेक देना एक आम बात हो सकती है लेकिन इसकी सुरक्षा आपकी जिम्मेदारी है। ऊपर बताए गए सभी पॉइंट्स का पालन करें ताकि आप अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रख सकें और किसी भी अनचाही मुसीबत से दूर रहें। जानकारी में ही सुरक्षा है और सतर्कता ही सबसे बड़ी बचत है।