CIBIL Score – अगर आप भी अपने सपनों का घर खरीदने का सोच रहे हैं और इस समय होम लोन लेने का प्लान बना रहे हैं, तो आपके लिए ये खबर काफी काम की हो सकती है। हाल ही में RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। इसका सीधा असर आने वाले समय में बैंकों की होम लोन दरों पर पड़ेगा। यानी हो सकता है कि अब आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सके।
लेकिन सिर्फ रेपो रेट कम होना ही काफी नहीं है, आपके सिबिल स्कोर का भी इसमें बड़ा रोल होता है। तो चलिए जानते हैं कि सिबिल स्कोर क्या होता है, होम लोन पर इसका क्या असर पड़ता है और कम ब्याज पर लोन पाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
अभी क्यों है होम लोन लेने का सही समय?
RBI की रेपो रेट में कटौती का मतलब होता है कि बैंक को अब कम ब्याज पर लोन मिल रहा है। इसका असर ये होता है कि बैंक भी ग्राहकों को सस्ते दर पर लोन ऑफर करने लगते हैं। हालांकि बैंकों को यह बदलाव ग्राहकों तक पहुंचाने में थोड़ा समय लग सकता है। ऐसे में अगर आप लोन लेने के लिए जल्दी में नहीं हैं, तो थोड़ी सी वेटिंग से आपको काफी फायदा हो सकता है।
सिबिल स्कोर क्या होता है?
सिबिल स्कोर एक तरह से आपकी क्रेडिट हिस्ट्री का रिपोर्ट कार्ड होता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। जितना ज्यादा स्कोर, उतना बेहतर माना जाता है।
इस स्कोर को तैयार करने का काम करता है CIBIL (Credit Information Bureau India Limited)। यह आपके लोन, क्रेडिट कार्ड पेमेंट, ईएमआई भुगतान और बाकी वित्तीय व्यवहार को देखकर स्कोर तय करता है।
अगर आप समय पर पेमेंट करते हैं, क्रेडिट लिमिट के अंदर रहते हैं और बिना जरूरत के लोन के लिए बार-बार अप्लाई नहीं करते, तो आपका स्कोर अच्छा बना रहता है।
सिबिल स्कोर का होम लोन पर क्या असर होता है?
होम लोन मिलना और उस पर मिलने वाली ब्याज दर काफी हद तक आपके सिबिल स्कोर पर निर्भर करती है।
- 750 से ऊपर का स्कोर एक्सीलेंट माना जाता है। ऐसे लोग आसानी से लोन पा जाते हैं और कम ब्याज दर का भी लाभ उठा सकते हैं।
- 700 से 749 के बीच का स्कोर भी अच्छा माना जाता है। लोन मिल जाता है, लेकिन ब्याज दर थोड़ी ज्यादा हो सकती है।
- 650 से 699 तक स्कोर वालों को लोन मिल सकता है लेकिन बैंक कड़े नियम और ज्यादा ब्याज ले सकते हैं।
- 650 से कम स्कोर वाले लोगों को लोन मिलना मुश्किल हो सकता है। अगर लोन मिला भी तो ब्याज दर काफी ऊंची होगी।
कम सिबिल स्कोर हो तो क्या करें?
अगर आपका स्कोर अच्छा नहीं है तो निराश होने की जरूरत नहीं है। कुछ आसान स्टेप्स हैं जिनसे आप धीरे-धीरे अपना स्कोर सुधार सकते हैं।
- अपने सभी लोन और क्रेडिट कार्ड की पेमेंट समय पर करें।
- क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल न करें।
- बिना जरूरत के बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई न करें।
- अगर कोई ड्यू पेमेंट या EMI है तो उसे क्लियर करें और भविष्य में समय पर भुगतान करें।
लोन स्वीकृति के चांस कैसे बढ़ाएं?
अगर आप चाहते हैं कि बैंक आपका लोन जल्दी अप्रूव करे और कम ब्याज दर पर दे, तो ये टिप्स आपके काम आएंगे।
- ज्यादा डाउन पेमेंट करें: अगर आप लोन के लिए ज्यादा डाउन पेमेंट करने को तैयार हैं तो बैंक को आप पर ज्यादा भरोसा होता है।
- को-एप्लिकेंट जोड़ें: अगर आपके परिवार में किसी का सिबिल स्कोर अच्छा है, तो उन्हें को-एप्लिकेंट बना लें।
- नियमित आय दिखाएं: अगर आपकी इनकम स्टेबल है तो बैंक जल्दी लोन देता है। इसके लिए सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट और ITR दिखाएं।
लोन की अवधि भी है मायने रखती
अगर आप चाहते हैं कि आपकी EMI कम आए तो आप लोन की अवधि लंबी रख सकते हैं, जैसे 20 या 25 साल। इससे मंथली लोन किस्त कम हो जाती है और बजट पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता। हां, यह भी ध्यान दें कि इससे कुल ब्याज ज्यादा हो जाएगा। इसलिए अपनी इनकम और खर्च के हिसाब से सही अवधि चुनना जरूरी है।
बैंक चुनते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
लोन लेते वक्त सिर्फ कम ब्याज दर देखकर किसी बैंक से लोन मत लीजिए। ये चीजें भी चेक करें:
- प्रोसेसिंग फीस कितनी है
- फोरक्लोजर चार्ज कितना है
- प्री-पेमेंट की सुविधा है या नहीं
- डॉक्युमेंटेशन आसान है या नहीं
आप चाहें तो ऑनलाइन कंपेरिजन वेबसाइट्स का भी सहारा ले सकते हैं जहां सभी बैंकों की स्कीम्स एक जगह मिल जाती हैं।
RBI की रेपो रेट कटौती के बाद अब होम लोन लेना पहले से ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। लेकिन अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो ही आप इसका पूरा फायदा उठा पाएंगे। इसलिए पहले अपने सिबिल स्कोर को चेक करें और उसे सुधारने की दिशा में काम करें। समय पर पेमेंट, सही खर्च की आदत और प्लानिंग से न सिर्फ लोन आसानी से मिलेगा, बल्कि कम ब्याज दर पर मिलेगा।
तो देर किस बात की, अपने सपनों के घर की ओर पहला कदम बढ़ाइए लेकिन समझदारी से। और हां, लोन लेने से पहले अपनी जरूरत, बजट और भविष्य की प्लानिंग का जरूर ध्यान रखें।