New Income Tax Bill – सरकार हर साल टैक्स सिस्टम में कुछ न कुछ बदलाव करती है लेकिन इस बार का नया इनकम टैक्स बिल 2025 वाकई में बड़ा बदलाव लेकर आया है। यह नया नियम 21 अप्रैल 2025 से लागू होने वाला है और इसमें कई ऐसे पॉइंट्स हैं जो आम टैक्सपेयर्स से लेकर कंपनियों तक सभी को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगे। अब टैक्स अधिकारी सिर्फ घर या ऑफिस तक ही सीमित नहीं रहेंगे बल्कि आपके डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे सोशल मीडिया, ईमेल, बैंकिंग, इन्वेस्टमेंट अकाउंट तक भी पहुंच बना सकेंगे।
इस लेख में हम इस नए टैक्स बिल के हर पहलू पर बात करेंगे ताकि आप पूरी जानकारी के साथ तैयार रह सकें।
क्या है New Income Tax Bill 2025
इनकम टैक्स बिल 2025 सरकार की एक नई पहल है जो पुराने आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेने वाला है। इसका मकसद टैक्स सिस्टम को ज्यादा पारदर्शी, सरल और डिजिटल फ्रेंडली बनाना है।
इस बिल के लागू होते ही टैक्सपेयर्स को न केवल अपनी इनकम और इन्वेस्टमेंट बल्कि डिजिटल ट्रांजैक्शन की भी पूरी जानकारी सही ढंग से देनी होगी।
टैक्स अधिकारियों को मिलें नए अधिकार
इस नए नियम के बाद टैक्स अधिकारियों को डिजिटल स्पेस में जांच करने के अधिकार मिल जाएंगे। मतलब अब वे आपके ईमेल अकाउंट, सोशल मीडिया प्रोफाइल, नेट बैंकिंग, डिजिटल वॉलेट और इन्वेस्टमेंट अकाउंट्स की भी जांच कर सकते हैं।
अगर उन्हें यह शक होता है कि किसी ने अपनी इनकम छिपाई है या टैक्स चोरी की है, तो वे व्यक्ति के मोबाइल, लैपटॉप या क्लाउड स्टोरेज की भी जांच कर सकते हैं।
किन डिजिटल अकाउंट्स पर असर पड़ेगा
इस बदलाव का सीधा असर आपके इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर पड़ेगा
- ईमेल अकाउंट्स जैसे जीमेल या याहू
- सोशल मीडिया अकाउंट जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप
- बैंकिंग प्लेटफॉर्म जैसे नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग
- म्यूचुअल फंड, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट
- क्लाउड स्टोरेज सर्विस जैसे गूगल ड्राइव, ड्रॉपबॉक्स
- ऑनलाइन बिजनेस अकाउंट्स या ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म
नए टैक्स स्लैब की झलक
सरकार ने नए टैक्स रिजीम में स्लैब रेट को भी अपडेट किया है
इनकम (रुपये में) | टैक्स रेट |
---|---|
0 – 4 लाख | 0 फीसदी |
4 – 8 लाख | 5 फीसदी |
8 – 12 लाख | 10 फीसदी |
12 – 16 लाख | 15 फीसदी |
16 – 20 लाख | 20 फीसदी |
20 – 24 लाख | 25 फीसदी |
24 लाख से ऊपर | 30 फीसदी |
इसके अलावा सेक्शन 87A के तहत छूट को भी बढ़ा दिया गया है। अब 12 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा जो कि मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत है।
TDS और TCS नियमों में बदलाव
अब सीनियर सिटीजन के लिए इंटरेस्ट इनकम पर टीडीएस की लिमिट बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। विदेश भेजे जाने वाले पैसे की लिमिट भी अब 10 लाख रुपये तक की गई है।
इसके अलावा सेक्शन 206AB और 206CCA को हटा दिया गया है जिससे नियम पहले से ज्यादा आसान और कम पेचीदा हो गए हैं।
ITR-U फाइलिंग का समय बढ़ा
पहले अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समयसीमा 12 महीने थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 48 महीने यानी 4 साल कर दिया गया है।
अगर कोई व्यक्ति समय पर ITR फाइल नहीं कर पाया तो वह अब चार साल तक ITR-U फाइल कर सकता है लेकिन जितनी देर से करेगा, उतना ज्यादा अतिरिक्त टैक्स देना पड़ेगा
फाइलिंग समय | अतिरिक्त टैक्स |
---|---|
12 महीने में | 25 फीसदी |
24 महीने में | 50 फीसदी |
36 महीने में | 60 फीसदी |
48 महीने में | 70 फीसदी |
स्टार्टअप और IFSC को राहत
सरकार ने स्टार्टअप्स को भी राहत दी है। अब 1 अप्रैल 2030 तक रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स को तीन साल तक 100 फीसदी टैक्स छूट मिलेगी।
इसी तरह IFSC यानी इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर के लिए टैक्स छूट की सीमा 31 मार्च 2030 तक बढ़ा दी गई है।
टैक्सपेयर्स को क्या करना चाहिए
इस नए कानून के लागू होने से पहले ही आपको कुछ जरूरी तैयारियां करनी चाहिए
- अपनी सभी इनकम, इन्वेस्टमेंट और डिजिटल ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड रखें
- सही समय पर ITR फाइल करें और जरूरत पड़ने पर ITR-U का इस्तेमाल करें
- अगर कोई टैक्स अधिकारी आपसे संपर्क करे तो जानकारी छिपाने की बजाय सहयोग करें
- किसी भी अफवाह या सोशल मीडिया पर वायरल गलत जानकारी से दूर रहें
- टैक्स से जुड़ी हर बात के लिए अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लें
डिजिटल प्राइवेसी पर सवाल
हालांकि इस नए कानून से टैक्स चोरी पर लगाम लग सकती है लेकिन लोगों की डिजिटल प्राइवेसी को लेकर चिंता भी बढ़ सकती है।
सरकार का कहना है कि इन अधिकारों का इस्तेमाल केवल उन्हीं मामलों में किया जाएगा जहां टैक्स चोरी का शक या पुख्ता सबूत हो। आम टैक्सपेयर्स को इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
New Income Tax Bill 2025 टैक्स सिस्टम को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे ईमानदारी से टैक्स भरने वालों को कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन जिनकी आदत टैक्स चोरी की है उन्हें अब बचना मुश्किल होगा।
हर टैक्सपेयर को अब अपनी डिजिटल एक्टिविटी और इनकम इन्वेस्टमेंट पर नजर रखनी होगी। सही जानकारी देना और समय पर टैक्स भरना अब पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है। इसलिए अभी से सतर्क हो जाइए ताकि 21 अप्रैल 2025 के बाद कोई भी दिक्कत सामने न आए।