Contract Employees – अगर आप भी संविदा कर्मचारी हैं और सालों से नौकरी कर रहे हैं लेकिन अब तक स्थायी नहीं हो पाए हैं तो आपके लिए एक बहुत बड़ी राहत की खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक ऐसा फैसला सुनाया है जिससे राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश के संविदा कर्मियों को उम्मीद की एक नई किरण दिखाई दी है। यह फैसला खासतौर पर राजस्थान के सर्व शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत संविदा कर्मचारियों से जुड़ा हुआ है लेकिन इसका असर अन्य विभागों और राज्यों पर भी पड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
19 मार्च 2025 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें यह कहा गया था कि लंबे समय से संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थायी किया जाना चाहिए। राजस्थान सरकार ने इस फैसले के खिलाफ विशेष याचिका दायर की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका को खारिज करते हुए संविदा कर्मियों के पक्ष में फैसला सुनाया है।
इसका मतलब साफ है कि अब राजस्थान के हजारों संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी का दर्जा मिलेगा और उन्हें वही सुविधाएं मिलेंगी जो एक सरकारी स्थायी कर्मचारी को मिलती हैं।
किन संविदा कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
यह फैसला सबसे पहले सर्व शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए लागू होगा। इसके बाद धीरे धीरे अन्य विभागों जैसे स्वास्थ्य, तकनीकी शिक्षा, ग्रामीण विकास, पंचायत विभाग, सामान्य प्रशासन और अन्य में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
राजस्थान में वर्तमान में करीब 62401 संविदा पद रिक्त हैं और 60126 पदों पर ही अब तक नियुक्तियां हुई हैं। सरकार ने 2022 में राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल नामक नियम बनाए थे जिनके तहत संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने की प्रक्रिया तय की गई थी लेकिन उस पर ठीक से अमल नहीं हो पा रहा था।
अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सरकार पर इन नियमों को लागू करने का दबाव बढ़ गया है।
क्या होंगे संविदा कर्मियों को फायदे
- स्थायी नौकरी का दर्जा
अब संविदा कर्मचारी अस्थायी नहीं रहेंगे और उन्हें नियमित कर्मचारी का दर्जा मिलेगा - समान वेतन और भत्ते
संविदा कर्मियों को अब स्थायी कर्मचारियों के बराबर वेतन और भत्ते मिलेंगे - रिटायरमेंट लाभ
पेंशन, ग्रेच्युटी, पीएफ जैसी सुविधाएं भी मिलने लगेंगी - जॉब सिक्योरिटी
संविदा पर काम करने वाले कर्मचारी अब बिना डर के काम कर पाएंगे क्योंकि उनकी नौकरी सुरक्षित हो जाएगी - स्वास्थ्य और पारिवारिक लाभ
स्थायी कर्मचारी की तरह मेडिकल सुविधा और परिवारिक लाभ मिलना भी तय है
सरकार के लिए नई चुनौती
हालांकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविदा कर्मियों के लिए राहत लेकर आया है लेकिन राज्य सरकार के सामने अब नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। सबसे बड़ा मुद्दा वित्तीय बोझ का है। हजारों कर्मचारियों को नियमित करने पर सरकार को करोड़ों रुपए की अतिरिक्त लागत उठानी पड़ेगी क्योंकि उन्हें अब स्थायी कर्मचारियों जैसा वेतन और सुविधा देनी होगी।
साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इस प्रक्रिया में कोई भ्रष्टाचार न हो और पारदर्शिता बनी रहे। इसके लिए सरकार को एक मजबूत तंत्र बनाना होगा ताकि सभी योग्य संविदा कर्मियों को न्याय मिल सके।
किस विभाग में कितने पद खाली हैं
- ग्राम विकास और पंचायती राज विभाग में 978 पद रिक्त हैं
- तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा और शिक्षा विभागों में भी बड़ी संख्या में पद खाली हैं
- कुल मिलाकर राजस्थान सरकार के अधीन विभिन्न विभागों में हजारों पदों पर संविदा कर्मचारी वर्षों से काम कर रहे हैं और अब उन्हें नियमित किया जाएगा
नियुक्ति प्रक्रिया में देरी
हालांकि सरकार ने 25 अक्टूबर 2025 को नई गाइडलाइन भी जारी की थी जिसमें नियुक्तियों को लेकर दिशा-निर्देश थे लेकिन इन पर ठीक से अमल नहीं हो पा रहा है। कई विभागों में नियुक्तियां रुकी पड़ी हैं या बहुत धीमी गति से चल रही हैं।
संविदा कर्मचारियों का कहना है कि वे सालों से सेवाएं दे रहे हैं लेकिन उन्हें स्थायी नहीं किया जा रहा जिससे उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है। अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्दी से जल्दी इस पर कार्यवाही करेगी।
कितने कर्मचारी होंगे लाभान्वित
राजस्थान में करीब 748 संविदा कर्मचारी फिलहाल इस फैसले से सीधे लाभान्वित होंगे। यह संख्या धीरे धीरे बढ़ सकती है क्योंकि अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी शामिल किया जाना है। यह फैसला एक मिसाल बन सकता है और दूसरे राज्यों में भी इसी तरह के फैसले लिए जा सकते हैं।
संविदा कर्मचारियों के लिए यह फैसला एक नई शुरुआत है। सालों से जो कर्मचारी अस्थायी रूप से काम कर रहे थे उन्हें अब एक स्थायी पहचान मिलेगी। इससे न केवल उनकी नौकरी सुरक्षित होगी बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ेगा। सरकार को अब इस फैसले को समय पर लागू करना चाहिए और पारदर्शी तरीके से सभी पात्र कर्मचारियों को इसका लाभ देना चाहिए।
अगर आप भी संविदा पर काम कर रहे हैं तो इस फैसले के बाद आप संबंधित विभाग या कार्यालय में संपर्क करके अपनी स्थिति की जानकारी जरूर लें। हो सकता है अगली सूची में आपका भी नाम आ जाए और आपको भी स्थायी कर्मचारी का दर्जा मिल जाए।