DA Hike News 2025 – अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए उनके महंगाई भत्ते यानी डीए में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। अब इसी राह पर चलते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपने राज्य कर्मचारियों को एक शानदार तोहफा दिया है। योगी सरकार ने राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है जो 1 जनवरी 2025 से लागू मानी जाएगी। इस फैसले का सीधा असर लगभग 16 लाख कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा और उनकी जेब में हर साल 6000 रुपये का अतिरिक्त फायदा पहुंचेगा।
क्या है महंगाई भत्ता और क्यों होता है जरूरी
महंगाई भत्ता यानी डीए एक ऐसा भत्ता होता है जो कर्मचारियों को उनकी बेसिक सैलरी के साथ दिया जाता है ताकि वह महंगाई की मार से कुछ हद तक राहत पा सकें। जब बाजार में जरूरी चीजों के दाम बढ़ते हैं तो कर्मचारियों की क्रय शक्ति यानी खरीदने की ताकत घट जाती है। इसी नुकसान की भरपाई के लिए सरकारें समय-समय पर डीए में बढ़ोतरी करती हैं।
डीए सिर्फ एक आंकड़ा नहीं बल्कि लाखों परिवारों के लिए आर्थिक राहत होता है। खासकर वे कर्मचारी जिनकी सैलरी कम होती है, उनके लिए यह बढ़ोतरी बहुत मायने रखती है।
राज्य सरकार ने कब और कितना बढ़ाया डीए
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। पहले राज्य कर्मचारियों को 53 प्रतिशत डीए मिल रहा था जो अब बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया है। इसका लाभ उन सभी कर्मचारियों को मिलेगा जो 7वें वेतन आयोग के अंतर्गत आते हैं।
यह बढ़ोतरी जनवरी 2025 से लागू मानी जाएगी और इसका भुगतान अप्रैल 2025 की सैलरी के साथ किया जाएगा। चूंकि अप्रैल की सैलरी मई में मिलती है, इसलिए मई में ही बढ़ा हुआ डीए और एरियर दोनों मिलेंगे।
एरियर का फायदा भी मिलेगा
सरकार ने घोषणा की है कि जनवरी से मार्च 2025 तक का डीए एरियर के रूप में दिया जाएगा। इसका मतलब है कि जिन कर्मचारियों को जनवरी से ही बढ़ा हुआ डीए मिलना चाहिए था, उन्हें उसका बकाया भी मिलेगा। इस पर राज्य सरकार को लगभग 193 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा जबकि नियमित भुगतान पर 107 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
सरकारी खजाने पर पड़ेगा 300 करोड़ रुपये का बोझ
राज्य सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर लगभग 300 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। लेकिन यह बोझ सरकार के लिए कर्मचारियों की भलाई और संतोष के सामने बहुत छोटा है। सरकार का मानना है कि संतुष्ट कर्मचारी ही बेहतर सेवाएं दे सकते हैं और विकास की रफ्तार को तेज कर सकते हैं।
कितना बढ़ेगा कर्मचारियों का वेतन
अगर किसी कर्मचारी की सैलरी 25000 रुपये है, तो 2 प्रतिशत डीए बढ़ने से उसे हर महीने 500 रुपये का सीधा फायदा होगा। यानी साल भर में उसकी सैलरी में कुल 6000 रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी। यह आंकड़ा सैलरी के अनुसार कम या ज्यादा हो सकता है लेकिन कुल मिलाकर हर कर्मचारी को फायदा जरूर मिलेगा।
केंद्र और राज्य दोनों ने दिखाई समानता
केंद्र सरकार ने 28 मार्च को अपने कर्मचारियों के लिए डीए में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। उसके बाद अब राज्य सरकार ने भी उसी तर्ज पर फैसला लिया है। इससे साफ है कि सरकारें कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को लेकर सजग हैं और समय पर राहत देने की कोशिश कर रही हैं।
16 लाख कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
योगी सरकार के इस फैसले का सीधा फायदा लगभग 16 लाख कर्मचारियों को मिलेगा। इनमें नियमित कर्मचारी, शिक्षक, तकनीकी कर्मचारी, लिपिक वर्ग और अन्य कई विभागों के लोग शामिल हैं। खास बात यह है कि यह बढ़ोतरी सिर्फ सरकारी कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इससे पेंशनर्स को भी फायदा मिलेगा क्योंकि उन्हें भी डीए के अनुसार ही महंगाई राहत यानी डीआर मिलता है।
महंगाई में राहत की उम्मीद
बढ़ती महंगाई के बीच यह फैसला कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत है। आज जब हर चीज के दाम आसमान छू रहे हैं, चाहे वह घरेलू गैस हो, सब्जी हो या बिजली का बिल, ऐसे में डीए बढ़ोतरी कर्मचारियों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है।
भविष्य में और बढ़ोतरी की उम्मीद
जानकारों का मानना है कि अगर महंगाई की दर इसी तरह बढ़ती रही तो आने वाले समय में सरकार फिर से डीए में बढ़ोतरी कर सकती है। वैसे भी हर 6 महीने पर डीए रिवाइज होता है, यानी जुलाई में अगली बढ़ोतरी की संभावना बनी हुई है।
क्या कहते हैं कर्मचारी
राज्य कर्मचारियों ने इस फैसले का स्वागत किया है। कई कर्मचारी संगठनों ने इसे सरकार की सकारात्मक सोच बताया है। उनका कहना है कि इस तरह के कदम न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हैं, बल्कि सरकार और कर्मचारियों के बीच विश्वास को भी बढ़ाते हैं।
महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी एक छोटा कदम जरूर है, लेकिन इसका असर लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों पर पड़ेगा। इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी और महंगाई के दौर में उन्हें कुछ राहत मिलेगी। राज्य सरकार का यह कदम एक बार फिर दिखाता है कि अगर नीयत साफ हो और जनता की भलाई की सोच हो तो कोई भी फैसला लेना मुश्किल नहीं होता।