RBI Loan Rules – अगर आप बैंक से लोन लेने की सोच रहे हैं या पहले से कोई लोन ले रखा है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है जिससे लाखों नहीं बल्कि करोड़ों लोन लेने वालों को सीधा फायदा होगा। RBI ने बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं को निर्देश दिया है कि वे अब ग्राहकों को पूरी पारदर्शिता से लोन से जुड़ी जानकारी दें और कोई भी बात छिपाएं नहीं।
क्यों जरूरी था यह फैसला
अब तक अक्सर देखा गया है कि जब कोई ग्राहक लोन लेता है तो शुरुआत में बैंक या फाइनेंशियल कंपनी कुछ चीजें नहीं बतातीं। कई बार प्रोसेसिंग फीस छिपाई जाती है तो कभी ब्याज दरों में कंफ्यूजन होता है। कुछ महीनों बाद ग्राहक को पता चलता है कि उसने जिस दर पर लोन लिया था वह दर तो फ्लोटिंग थी और अब उसकी किस्तें बढ़ गई हैं। इसी तरह से बीमा शुल्क और कानूनी शुल्क जैसी बातें भी बाद में सामने आती हैं।
RBI को लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही थीं। इसलिए अब RBI ने साफ तौर पर कह दिया है कि बैंक कोई भी बात छिपा नहीं सकते। ग्राहक को पूरी जानकारी देना अनिवार्य है चाहे वह क्रेडिट कार्ड हो पर्सनल लोन हो होम लोन हो या MSME लोन।
क्या है फैक्ट स्टेटमेंट रूल यानी KFS
RBI ने इस बार Key Fact Statement यानी KFS नियम लागू किया है। इसका मतलब है कि अब हर लोन के साथ एक आसान भाषा में लिखा हुआ दस्तावेज दिया जाएगा जिसमें उस लोन से जुड़ी सारी जरूरी बातें साफ साफ लिखी होंगी।
इसमें निम्नलिखित जानकारियां होंगी
- लोन की राशि
- सालाना ब्याज दर
- प्रोसेसिंग फीस
- कोई अन्य चार्ज जैसे बीमा या कानूनी शुल्क
- लोन की अवधि
- EMI की राशि और तारीख
- फ्लोटिंग या फिक्स्ड रेट की जानकारी
- पूर्व भुगतान या फोरक्लोजर की शर्तें
इस दस्तावेज को ग्राहक से हस्ताक्षर करवाने से पहले बैंक को उसे पूरी तरह समझाना होगा। इसका उद्देश्य यही है कि बाद में कोई विवाद या गलतफहमी न हो।
RBI ने बैंकों को क्यों लगाई फटकार
RBI ने साफ किया है कि ग्राहक की जानकारी के बिना किसी भी तरह की फीस नहीं लगाई जा सकती। यह बात खास तौर पर क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए लागू की गई है।
अभी तक कई बार ऐसा देखा गया कि क्रेडिट कार्ड पर बिना बताये बीमा शुल्क या अन्य चार्ज जोड़ दिए जाते हैं और ग्राहक को इसका पता तब चलता है जब बिल बनता है। अब ऐसा नहीं होगा।
ग्राहक की स्पष्ट सहमति के बिना कोई भी शुल्क नहीं जोड़ा जाएगा। अगर कोई बैंक ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
ग्राहकों को होंगे ये बड़े फायदे
- धोखाधड़ी से बचाव
अब कोई भी बैंक या संस्था लोन की शर्तें छुपा नहीं सकेगी जिससे ग्राहकों को बाद में नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। - सही फैसला लेने में मदद
जब सभी बातें सामने होंगी तो ग्राहक अपने हिसाब से सही लोन का चुनाव कर सकेगा। उसे समझ में आएगा कि कौन सा ऑफर उसके लिए बेहतर है। - फीस और चार्ज को लेकर पारदर्शिता
अब सभी तरह की फीस पहले से बतानी होगी जिससे बाद में कंफ्यूजन नहीं होगा और लोन लेने वाले को सच्ची जानकारी मिलेगी। - क्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए राहत
क्रेडिट कार्ड से बिना पूछे कोई भी चार्ज नहीं लगेगा जिससे ग्राहक की जेब पर बेवजह का बोझ नहीं पड़ेगा।
यह नियम किन लोन पर लागू होंगे
RBI का नया नियम सभी तरह के रिटेल लोन पर लागू होगा। इसमें पर्सनल लोन, होम लोन, एजुकेशन लोन, ऑटो लोन, MSME लोन और क्रेडिट कार्ड भी शामिल हैं।
इसका मतलब है कि हर आम आदमी जो किसी भी तरह का लोन लेने वाला है या ले चुका है उसे इसका सीधा फायदा मिलेगा।
लोन देने वाली कंपनियों को क्या करना होगा
अब बैंकों और फाइनेंशियल कंपनियों को लोन देते वक्त ग्राहक को KFS देना होगा जिसमें सारी बातें साफ साफ लिखी होंगी।
इस KFS को ग्राहक से साइन करवाना जरूरी होगा और इसमें अगर कोई बात गलत पाई गई तो उस संस्था के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
क्या ग्राहक को मिल सकता है मुआवजा
अगर कोई बैंक या फाइनेंशियल संस्था ग्राहक को गलत जानकारी देकर लोन देती है और बाद में उसकी शिकायत मिलती है तो ग्राहक को मुआवजा भी मिल सकता है। इसके लिए RBI के पास शिकायत दर्ज की जा सकती है या बैंकिंग लोकपाल के पास मामला भेजा जा सकता है।
एक नजर में समझिए फायदा
- अब लोन लेते वक्त सबकुछ साफ साफ बताया जाएगा
- कोई छिपा चार्ज नहीं लगेगा
- EMI और ब्याज दर का पूरा हिसाब दिया जाएगा
- क्रेडिट कार्ड से बिना पूछे कोई पैसा नहीं काटा जाएगा
- KFS दस्तावेज को ग्राहक से साइन करवाना जरूरी होगा
- गलती पर बैंक को सजा मिल सकती है
RBI का यह फैसला आम लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। पहले जहां लोन लेने में लोग डरते थे कि कहीं कोई धोखा न हो जाए अब वे निश्चिंत होकर सही जानकारी के आधार पर लोन ले सकेंगे। यह कदम बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाएगा और ग्राहकों का भरोसा मजबूत करेगा।