DA Hike News – सरकारी नौकरी करने वालों के लिए डीए यानी महंगाई भत्ता एक बड़ा मुद्दा होता है क्योंकि यही वो हिस्सा है जो वेतन के साथ बढ़ता है और महंगाई के असर को थोड़ा संतुलित करता है। हर बार जब डीए बढ़ता है तो लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों के चेहरों पर मुस्कान आ जाती है। लेकिन इस बार अप्रैल 2025 में जो बढ़ोतरी होने की संभावना है वो शायद थोड़ी निराश करने वाली हो सकती है क्योंकि रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार सिर्फ 2 प्रतिशत डीए बढ़ सकता है।
अब तक की स्थिति और पिछली घोषणाएं
सरकार साल में दो बार डीए बढ़ाती है, एक जनवरी में और दूसरी जुलाई में। जनवरी की घोषणा आमतौर पर मार्च से पहले हो जाती है ताकि होली जैसे त्योहार पर सरकारी कर्मचारियों को फायदा मिल सके। लेकिन इस बार होली निकल गई और अब तक कोई घोषणा नहीं हुई है जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार कुछ कम ही बढ़ोतरी करने वाली है। फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों को 53 प्रतिशत डीए मिल रहा है जो अक्टूबर 2024 में 3 प्रतिशत बढ़ाकर दिया गया था।
क्यों हो रही है सिर्फ 2 प्रतिशत बढ़ोतरी की चर्चा
महंगाई भत्ते की गणना ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी AICPI के आंकड़ों पर आधारित होती है। पिछले छह महीनों के आंकड़े बताते हैं कि महंगाई में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है, जिसके कारण डीए में केवल 2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है। यह अनुमान विशेषज्ञों और कई न्यूज रिपोर्ट्स के माध्यम से सामने आया है। अगर ऐसा होता है तो यह 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सबसे कम बढ़ोतरी में से एक होगी।
कर्मचारियों की जेब पर क्या असर पड़ेगा
अब बात करें आम कर्मचारी की तो उन्हें हर छह महीने में यह उम्मीद रहती है कि उनकी सैलरी में अच्छा इजाफा होगा जिससे वे अपने परिवार के खर्चों को थोड़ा बेहतर तरीके से चला सकें। लेकिन 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी का मतलब यह है कि सैलरी में बहुत ही मामूली बदलाव आएगा। खासकर मध्यम वर्ग के लिए यह झटका जैसा हो सकता है क्योंकि उनके लिए हर छोटी रकम का मतलब होता है। वहीं पेंशनरों के लिए भी यह चिंता का विषय है क्योंकि वे पूरी तरह से इसी इनकम पर निर्भर होते हैं।
क्या सरकार कोई दूसरी राहत दे सकती है
अब सवाल ये है कि अगर डीए कम बढ़ाया जाता है तो क्या सरकार कोई दूसरा उपाय करेगी जिससे कर्मचारियों को कुछ राहत मिले। कई एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सरकार बोनस या अन्य तरह के भत्तों में कुछ राहत देकर संतुलन बना सकती है। खासकर चुनावी माहौल या बजट के आस-पास ऐसी घोषणाएं आमतौर पर की जाती हैं। लेकिन फिलहाल सरकार की तरफ से ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है।
पिछली बार डीए कितना बढ़ा था
पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो आमतौर पर 3 से 4 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होती रही है। 2021 और 2022 में तो कई बार एक साथ दो किश्तों की डीए बढ़ोतरी का ऐलान भी हुआ था जिससे कर्मचारियों को मोटी रकम एकमुश्त मिली थी। लेकिन इस बार जो संभावना बन रही है वह 2018 के बाद की सबसे कम बढ़ोतरी होगी। इससे जाहिर है कि कर्मचारियों की उम्मीदों को थोड़ा झटका लग सकता है।
आगे क्या हो सकती है रणनीति
अब सभी की निगाहें 15 मार्च 2025 को होने वाली कैबिनेट बैठक पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि उसी बैठक में डीए वृद्धि पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। अगर सरकार कर्मचारियों की अपेक्षाओं का ध्यान रखेगी तो हो सकता है कि 2 प्रतिशत से थोड़ी ज्यादा वृद्धि भी घोषित हो जाए। और अगर नहीं भी होती है तो जुलाई में अगली समीक्षा में राहत की उम्मीद जरूर की जा सकती है क्योंकि तब तक AICPI के नए आंकड़े भी सामने आ जाएंगे।
नई भर्ती और युवा कर्मचारियों के लिए मायूसी
जो युवा कर्मचारी हाल ही में सरकारी सेवा में शामिल हुए हैं वे इस डीए वृद्धि को लेकर थोड़े मायूस हो सकते हैं। उन्हें उम्मीद थी कि उनकी पहली डीए वृद्धि उत्साहजनक होगी लेकिन फिलहाल की स्थिति कुछ और ही कहानी कह रही है। हालांकि लंबे समय में वेतन और भत्तों में संतुलन आता है लेकिन शुरुआत में ऐसे झटके मनोबल को प्रभावित कर सकते हैं।
इस बार डीए में सिर्फ 2 प्रतिशत की संभावित वृद्धि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए थोड़ी चिंता का कारण बन सकती है। हालांकि यह बढ़ोतरी मामूली जरूर है लेकिन महंगाई के मौजूदा स्तर को देखते हुए यह समझ में आती है। अब देखना होगा कि सरकार इसे लेकर क्या फैसला लेती है और कर्मचारियों के हित को कितना प्राथमिकता देती है। उम्मीद की जा रही है कि जुलाई में अगर AICPI इंडेक्स में सुधार होता है तो उस समय एक अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।